गुरुवार, 27 मार्च 2025

गुरु मंत्र

गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देव महेश्वर, 
गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः।




गुरुर्ब्रह्मा: गुरु ब्रह्मा की तरह हैं, जो ज्ञान का सृजन करते हैं और मेरे  अज्ञान को दूर करते हैं। वे मुझे  नए विचारों और दृष्टिकोणों से परिचित कराते हैं, जिससे मेरे भीतर एक नया आध्यात्मिक जगत रचा जाता है।

गुरुर्विष्णु: गुरु विष्णु की तरह हैं, जो मुझे  ज्ञानमार्ग पर स्थिर रखते हैं और हमारे आध्यात्मिक विकास का पालन-पोषण करते हैं। वे मुझे सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और हमारे संकल्पों को मजबूत बनाते हैं।

गुरुर्देवो महेश्वर: गुरु महेश्वर की तरह हैं, जो मेरे  अंदर के अज्ञान, भ्रम और मोह का नाश करते हैं। वे मुझे  आत्म-साक्षात्कार के लिए तैयार करते हैं, जिससे मैं अपनी वास्तविक स्वरूप को पहचान सकूँ ।

गुरु साक्षात् परब्रह्म: गुरु परब्रह्म का साक्षात् रूप हैं, अर्थात वही परम सत्य हैं जिसकी मै खोज में हूँ। वे मुझे  अपनी आंतरिक दिव्यता को पहचानने में मदद करते हैं।

तस्मै श्री गुरुवे नमः: ऐसे परम पूजनीय गुरु को मैं नमन करता हूँ, उनका सम्मान करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

यह मंत्र मुझे गुरु की महिमा का याद दिलाता है कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए गुरु का मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण है। यह मंत्र मुझे गुरु के प्रति समर्पण भाव रखने के लिए प्रेरित करता है। 

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